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सूट के नाप के बहाने रूम में ले जाकर करना चाहता था दुष्कर्म, किए थे 6 टुकड़े

इंदौर। करीब सवा दो साल पुराने कविता रैना हत्याकांड में शनिवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें टीआई और जांच अधिकारी का क्राॅस (प्रति परीक्षण) हुआ। इस दौरान सवाल उठा कि आरोपी को जब संदिग्ध माना जा रहा था, तब के बजाय उसकी गिरफ्तारी महीनों बाद क्यों की गई? गौरतलब है कि आरोपी महेश बैरागी कविता को सूट का नाप देने के बहाने रूम में ले गया और उसके साथ गलत काम करना चाहता था। मना करने पर उसने उसके छह टुकड़े कर दिए थे।
– कनाड़िया रोड स्थित मित्रबंधु नगर निवासी कविता रैना 24 अगस्त 2015 को स्कूल गए बच्चे को लेने गई थी, लेकिन वह उस दिन घर नहीं लौटी थीं। तब परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। तीसरे दिन 26 अगस्त को उनका शव तीन इमली चौराहे से लगे पुल के नीचे मिला था, जो छह टुकड़ों में था।

– घटना के बाद पुलिस ने आरोपी महेश बैरागी को 9 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया था, जो अब भी जेल में बंद है। आरोपी की ओर से सीनियर एडवोकेट चंपालाल यादव ने केस की जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2016 में जल्द सुनवाई कर निराकरण के निर्देश दिए थे। हालांकि इसके एक साल बाद भी फैसला नहीं हो सका है। अभी इसकी ट्रायल चल रही है। शनिवार को विशेष न्यायाधीश बीके द्विवेदी के समक्ष भंवरकुआं थाने के तत्कालीन और वर्तमान में लसूड़िया थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी से सीनियर एडवोकेट यादव ने क्रॉस (प्रति परीक्षण) किए। यादव ने आरोपी की देरी से गिरफ्तारी पर कई सवाल किए।

– गौरतलब है कि आरोपी को संदिग्ध मानते हुए उसे पहले 14 सितंबर 2015, फिर 2 अक्टूबर 2015 को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया था। क्रॉस में यादव ने सवाल उठाया कि जब आरोपी संदिग्ध था तो जिन गवाहों के बयान इस केस में करवाए गए हैं, उनसे उसी समय आरोपी की शिनाख्त क्यों नहीं करवाई गई? टीआई ने आरोपी के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकालने और अन्य जांच का हवाला दिया। एडवोकेट ने उनसे यह भी कहा कि 24 अगस्त को कविता जिस दुकान के सामने अपने बेटे का इंतजार कर कर रही थीं, उससे लगी दुकान का सीसीटीवी फुटेज देखने आरोपी वहां गया था। यह बात तभी पता चल गई थी। तब उस दुकानदार से शिनाख्त क्यों नहीं करवाई गई?

फैसला अगले महीने संभावित
– एजीपी एनए मंडलोई के मुताबिक इस मामले में एक गवाह के बयान बचे हैं। उसके बाद मुल्जिम बयान होंगे। उसके बाद फैसला होगा। अनुमान है कि नवंबर अंत तक या दिसंबर में फैसला हो सकता है।

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