Literature
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मुखौटा : इन दिनों तेरे जलवे कुछ और हैं….
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]होमेन्द्र देशमुख [/mkd_highlight] कविता : मुखौटा मुखौटे इन दिनों तेरे जलवे कुछ और हैं। कहते…
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कविता : मेरे आंगन में चिड़िया…
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]होमेन्द्र देशमुख[/mkd_highlight] “चिड़िया” ‘मेरे आंगन में चिड़िया…’ मेरे बिस्तर से उठने के पहले…
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जनाक्रोश की जलती मशाल : दुष्यंत कुमार
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]शालिनी रस्तोगी[/mkd_highlight] गूँगे निकल पड़े हैं, ज़ुबाँ की तलाश में सरकार के ख़िलाफ़ ये साज़िश…
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इमरोज़ और साहिर से परे अमृता
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]शालिनी रस्तोगी[/mkd_highlight] आज से 100 साल पहले ऊपरवाले ने जब पंजाब के गुजरांवाला जिले में 31…
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