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बढ़िया खाना बनाने के शौकीन अटल, दर्द भरे नगमे सुनना बेहद पसंद

अटल बिहारी वाजपेयी एक लोकप्रिय राजनेता होने के साथ ही एक अच्छे कवि भी रहे हैं. इसके अलावा वे खाना बढ़ि‍या बनाते रहे हैं. उन्हें घूमना-फिरना काफी पसंद था और वे दर्द भर नगमे सुनते थे. एक इंटरव्यू में खुद अटल बिहारी ने यह जानकारी दी थी.

एक इंटरव्यू में अटल बिहारी वाजपेयी से वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने यह सवाल किया था कि उन्हें कविता के अलावा और क्या पसंद है, तो उन्होंने कहा था, ‘कविता के अलावा घूमना पसंद है, सागर का किनारा और हिमाचल की चोटियां मुझे आकृष्ट करती हैं. खाना अच्छा बनाता हूं. खिचड़ी, हलवा खीर अच्छा बनाता हूं. इसके लिए वक्त निकाल लेता हूं.’

उन्होंने कहा था, ‘शास्त्रीय और आधुनिक दोनों संगीत सुनता हूं. दर्द से भरे गाने सुनता हूं. मीरा के गीतों में बड़ा दर्द है.’

अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्र की विफलता को अपनी विफलता मानते थे. वे चाहते थे कि एक ऐसा देश बनाएं जो दक्षिण एशिया के उन्नत राष्ट्रों की कतार में हो. अटल बिहारी को कभी-कभी निराशा भी हो जाती थी. वे एक बार अपने संसदीय जीवन से ऊब गए थे. उन्होंने कहा कि वे नेता न होते तो शायद पत्रकार ही होते.

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत नाजुक बनी हुई है. उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ है.

गुरुवार सुबह ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू वाजपेयी का हाल जानने पहुंचे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी वाजपेयी का हाल जानने एम्स पहुंचे. काफी समय तक वाजपेयी के साथ काम करने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी उनका हाल जानने एम्स पहुंचे.

एक स्कूल टीचर के घर में पैदा हुए वाजपेयी के लिए जीवन का शुरुआती सफर आसान नहीं था. 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर के एक निम्न मध्यमवर्ग परिवार में जन्मे वाजपेयी की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर के ही विक्टोरिया ( अब लक्ष्मीबाई ) कॉलेज और कानपुर के डीएवी कॉलेज में हुई थी. उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया और पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया.

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