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…जब PM मोदी के एक फोन से बच गई 7000 लोगों की जिंदगी, जानिए क्या है पूरा मामला?

सिंगापुर – विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंडिया प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर बताया है कि साल 2015 में जब यमन पर हमला हुआ तो हजारों फंसे हुए भारतीय लोगों को लेकर चिंतित थीं। उन्होंने बताया है कि वो फंसे हुए भारतीयों को बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं ढूँढ पा रही थीं। सुषमा स्वराज ने बताया कि ऐसे मुश्किल हालात से निकलने के लिए उन्होंने पीएम मोदी से बात की।

जिसके बाद मोदी ने वहां के राजा से बात की और वो हर रोज करीब दो घंटे बमबारी रोकने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद मोदी ने यमन सरकार से फंसे भारतीयों को अदेन बंदरगाह व सेना हवाई अड्डे तक पहुंचाने की अपील की।

सुषमा स्वराज ने कहा कि भारतीय सेना आपरेशन देश के नागरिकों को निकालने के प्रयास कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री मोदी ने आगे आकर इस दिशा में कदम उठाया जिससे 11 दिनों के अभियान के बाद हज़ारों भारतीय और विदेशी नागरिकों को बाहर निकाला जा सका। आपको बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर पिछले दिनों सिंगापुर में थीं और उन्होंने इस दौरान अपने समकक्ष विवियन बालकृष्णन से मुलाकात की।

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