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आसाराम बलात्कार मामला, फैसला आज, जोधपुर में धारा 144

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी आसाराम पर आज फैसला सुनाया जाएगा। जोधपुर की एक अदालत जेल परिसर में ही फैसला सुनाएगी। अदालत एससी/एसटी की विशेष अदालत होगी जहां पीठासीन अधिकारी मधुसुदन शर्मा यौन उत्पीड़न के आरोपी आसाराम और उसके चार अन्य साधकों के भविष्य का फैसला सुनाएंगे। केंद्र सरकार ने फैसले से पहले राजस्थान, गुजरात और हरियाणा से अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा है।

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को तीनों राज्यों को भेजी एडवायजरी में कहा कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि फैसले के बाद कोई हिंसा नहीं फैले। जोधपुर में भी सुरक्षा बलों का सख्त पहरा है। इलाके में धारा 144 लागू है। इन तीन राज्यों में ही सबसे ज्यादा संख्या में लोग आसाराम के भक्त हैं।

फैसला सुनाए जाने से पूर्व शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है साथ ही कानून व्यवस्था के लिए आसाराम के अनुयायियों को खतरा मानते हुए पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। डीआईजी (जेल) विक्रम सिंह ने बताया, हमने फैसला सुनाए जाने के दिन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। हाई अलर्ट मोड पर पहुंची जोधपुर पुलिस की मदद के लिए छह अतिरिक्त कंपनियों को जयपुर से मंगलवार को जोधपुर रवाना किया गया है। इसके अतिरिक्त डीजीपी ओपी गल्होत्रा भी जोधपुर के हालात पर नजर रखे हुए है। उन्होंने बीकानेर, अजमेर और जयपुर से पुलिस की अतिरिक्त कंपनियां जोधपुर रवाना की हैं।

पुलिस ने लगाई थी जेल में फैसला सुनाने की गुहार: राजस्थान पुलिस ने हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले के बाद पंचकुला में हुई हिंसा और बिगड़ी कानून व्यवस्था के मद्देनजर यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर में केंद्रीय कारागार में बंद आसाराम के फैसले के दौरान शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए जेल में ही निर्णय सुनाने के लिए न्यायालय में गुहार लगाई थी। पुलिस की इस गुहार को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए गत 17 अप्रैल को जेल में ही अदालत लगाकर फैसला सुनाने के आदेश दिए थे।

जेल परिसर अदालत में ये रहेंगे मौजूद: जेल परिसर में अदालत कक्ष में अदालत के कर्मचारियों सहित मजिस्ट्रेट, आसाराम और सह आरोपी, बचाव एवं अभियोजन पक्ष के वकील मौजूद रहेंगे।
राजस्थान में जोधपुर की जेल एकमात्र ऐसी जेल है जहां हथियार बंद आरएसी के जवान पहरा देते है। विक्रम सिंह ने बताया कि जेल के भीतर इनको हथियार रखने की इजाजत नहीं है।

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